इन दिनों सोशल मीडिया पर एक पोस्ट खूब वायरल हो रही है जिसमे लिखा हुआ है कि मथुरा जिले के वृंदावन में वैष्णव हिंदू पुजारी को बांग्लादेशी मुसलमानों ने बेरहमी से मारा है। पोस्ट के साथ तस्वीरें शेयर की जा रही हैं, तस्वीरों से साफ़ साफ़ चित्रित हो रहा है की गेरुआ वस्त्र पहने साधु पर हमला जरूर हुआ है। उनके चेहरे से खून टपकता भी दिखाई दे रहा है ।
उत्तर प्रदेश के वृंदावन में इमलीतला मंदिर के मुख्य पुजारी और एक वैष्णव तमाल कृष्ण दास जानलेवा हमला।
हमलावरों में 2 बांग्लादेशी एवं अन्य बाहरी हैं। सभी हमलावर फरार हैं।
मामले को शांत करने की कोशिश कर रही मथुरा पुलिस।@myogiadityanath @shalabhmani pic.twitter.com/9S6dq5XhiU— Chandrakesh Tripathi (@chandrakesh) May 11, 2020
लेकिन जब इस मामले की जांच की गयी तो यह हमले करने वाले के असली चहरे सामने आये । यह घटना वृंदावन की ही है, लेकिन हमलावर मुस्लिम नहीं हैं। जिन पर हमला हुआ और जिन्होंने किया, वो एक ही संप्रदाय के हैं।
यह घटना 11 मई, 2020 को शाम के करीब 5:30 बजे हुई। वृंदावन में परिक्रमा मार्ग पर स्थित इमलीताल गौड़ीय मठ के वर्तमान अध्यक्ष वीपी साधु बाहर गए हुए थे। उनके पीछे से उनके शिष्य गोविंदा, सच्चिदानंद, जगन्नाथ और सिक्योरिटी गार्ड गोविंद सिंह ने मठ के निवर्तमान अध्यक्ष तमाल दास के साथ मारपीट की थी। मामला पुस्तकों का कमरा खोलने को लेकर था।
मारपीट में तमाल दास को चोटें आई हैं। फिलहाल उनका इलाज मथुरा के जिला अस्पताल में हो रहा है। इस घटना के मुख्य आरोपी सच्चिदानंद को वृंदावन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
थाना वृन्दावन क्षेत्र इमली तला स्थित गौड़ीय मठ के साधु के साथ
हुई मारपीट के सम्बन्ध में क्षेत्राधिकारी सदर द्वारा दी गयी बाइट। pic.twitter.com/9Mo8MgNls3— MATHURA POLICE (@mathurapolice) May 11, 2020
पुलिस के मुताबिक, तमाल दास का बयान मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। मथुरा पुलिस ने खुद इस मामले में किसी भी मुस्लिम या बांग्लादेशी के होने के वायरल दावे का खंडन किया है। यह मामला किसी भी तरह से दो संप्रदायों के बीच का नहीं है। मथुरा पुलिस ने भी वायरल हो रहे दावे का खंडन किया।