महाराष्ट्र राजनीति में पिछले कुछ दिनों से अनिश्चितता के हालात बने हुए थे। लेकिन सीएम उद्धव ठाकरे ने विधान परिषद चुनाव के लिए आज अपना नोमिनेशन फ़ाईल कर दिया है। ऐसे में उद्धव की उम्मीदवारी से महाराष्ट्र की राजनीति से संकट के बादल छंट गये हैं। दरअसल 28 मई उद्धव को विधानमंडल के किसी एक सदन का सदस्य होना जरूरी है। स्थिति इसके उलट होने पर उन्हे अपने पद से हाथ धोना पड़ सकता है। आपको बता दें कि 21 मई को राज्य विधानपरिषद की 9 सीटें पर चुनाव होना…
Day: May 11, 2020
लॉकडाउन में फंसा मजदूर रोते हुए गाना गाकर सरकार से कर रहा मदत की गुहार |
एक मजदुर की करुण पुकार, विनती मानो सरकार, इन्हे इनके देश भेज दो, इनकी यही है मांग इन्हे घर जाना है । बीते डेढ़ महीने से lockdown में फसे गरीब मजदूरों ने सरकार से मदत की विनती करने की कोई कसर नहीं छोड़ी । किसीने विनती की तो किसी ने अपना आक्रोश दिखाया, कइयों ने वीडियो बना बना कर फेसबुक और सोशल मीडिया साइट पर अपलोड किये । सरकार की तरफ से जब मदत मिलती नहीं दिखी तो लाखो लोग पलायन करके अपने शहर की ओर जा रहे है ।…
कदमो से किलोमीटर नापती जिन्दगियाँ | बेबस मजदुर या लाचार राज्य सरकार ?
कोरोना महामारी के बीच पलायन कर रहे मजदूरों को देख कर क्या आपके मन में भी ये सवाल उठता है की क्या जरुरत है इन्हे पलायन करने की ? क्यों ये मजदुर भीड़ जमा करके इस बीमारी को बढ़ावा दे रहे है ? ऐसी भी क्या मज़बूरी है इनकी जो ये पैदल चल रहे है ? अगर हाँ तो हम आपको बता दे की ये मज़बूरी सिर्फ मजदूरों की नहीं है, दरअसल मज़बूरी राज्यसरकार की है । इतने बड़े पैमाने में पलायन एक दो दिन में नहीं बल्कि डेढ़ महीने…
देखें ये डरा देने वाला वीडियो | एक ही बेड पर एक से अधिक कोरोना मरीज़ों का इलाज़, मुम्बई के अस्पताल में
मुंबई में लगातार बढ़ते मामले, हालत हो चुके है काबू के बाहर, सरकार की कोशिशे अब भी है जारी, धारावी और वरली इलाको से आ रहे है सबसे अधिक मामले । सायन हॉस्पिटल ने लोगो के बीच दूरियां मिटाने की एक पहल की है, पर ये पहल कितना खतरनाक और जानलेवा साबित होगा ये वक़्त बताएगा । बीते कुछ दिनों में कोरोना के मामले महाराष्ट्र के मुंबई इलाके में काफी तेज़ी से बढ़ रहे है । महाराष्ट्र सरकार अपनी पूरी ताकत झोंक चुकी है पर मामले है की कम होने…
खुदा की कला | कवी : अभिनयकुमार सिंह
आसमान का आँचल है, धरती का सहारा है, मिटटी की खुशबु है, दरख़तों ने सवारा है । बादलों की मस्ती है, बारिशों का ठिकाना है, हवाओ की आहट है, बागो ने बहारा है । दरिया की रवानी है, लहरों का तराना है, तलैया की सीमा है, समंदर का किनारा है । ये खुदा की कला है, क्या खूब इसे सजाया है, निगाहे फिरे जिस ओर, एक रंगीन ही नजारा है । कवी : अभिनयकुमार सिंह
चंद्रमा की चंचल किरणें | कवयित्री – सुविधा अग्रवाल “सुवि”
चंद्रमा की चंचल किरणें, मुझे हर सांझ रिझाती हैं; मानो सूरज के ढ़लते ही, ये खुद पे इतराती हैं; अंतर्मन के एक कोने में, मधुर मुस्कान सजाती है; भटके हुए मनु हृदय का, पथ प्रदर्श ये कराती है; शून्यता की इस घड़ी में, इक नई आस जगाती है; अल्प है तो क्या कम है, यही संदेश भिजवाती है; चंद्रमा की चंचल किरणें, अथाह चांदनी बिखराती है। -सुवि