देश की अर्थव्यवस्था हुई बेपटरी, 3 राज्यों ने श्रम कानून में किये बड़े बदलाव

लॉकडाउन से समूचे विश्व की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है। इस समस्या से उबरने के लिए पूरा विश्व कोशिशों मे जुटा हैं। भारत में भी इस पर गम्भीरता से कदम उठाए जा रहे। बीते दिन पीएम मोदी ने भी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस पर चर्चा भी की थी। ताकि उद्योग-धंधों को एक बार फिर से सावधानी के साथ शुरू किया जा सके। साथ ही तमाम मल्टीनेशनल कम्पनीज़ के लिये भारत में अवसर उप्लब्ध कराने की कोशिशों पर बात की। ऐसे में पीएम की इस चर्चा का असर भी नज़र आने लगा है। दरअसल गुजरात, यूपी और मध्य प्रदेश ने अपने श्रम कानून में बड़े बदलाव का ऐलान किया है। इन तीनों राज्यों ने 3 साल के लिये उद्योग धन्धों के लिये बड़ी रियायत का ऐलान किया है। उद्योगों को श्रम कानून से राहत के साथ उनके रजिस्ट्रेशन और लाइसेंसिंग प्रक्रिया को भी आसान कर दिया है। दरअसल अब तक नए उद्योगों को श्रम कानून की अलग अलग सेक्शन के तहत रजिस्ट्रेशन कराने और लाइसेंस मिलने में पूरे एक महीने का वक़्त लग जाता था लेकिन अब वही प्रक्रिया महज़ 1 दिन में पूरी हो जाएगी। इतना ही नही, प्रोडक्शन मे तेज़ी लाने के लिए शिफ्ट में बदलाव करने, लेबर यूनियनस को सर्टीफाइ करने जैसी कई रियायतें दी गई हैं। ज़ाहिर सी बात है कि राज्य सरकारों के इस फैसले से जहां उद्योग जगत राहत की सांस ले रहा, वहीं श्रमिक संगठन को चिंता सताने लगी है। लेबर युनियन्स के मुताबिक इससे कर्मचारियों पर वर्क प्रेशर कई गुना बढ़ जाएगा। लेबर कानून में बदलाव के पीछे सरकार की मंशा उचित भी हैं। कानून में हुए इस बड़े बदलाव से राज्यों में नया उद्योग खड़ा करना सरल होगा जिससे लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। और कानून का सबसे बड़ा फायदा कि रोजगार की उम्मीद में दूसरे राज्यों का रुख करने वाले मजदूरों को अपने ही प्रदेश में खाने कमाने का अवसर मिलेगा।ऐसे में तीनों राज्यों ने अपने श्रम कानून मे आखिर क्या बदलाव लाया है इसे जानना बेहद ज़रूरी है।

Gujarat, MP, UP, Maharashtra, Goa, Odisha Labour Law Amendment ...

1)गुजरात: गुजरात ने एमपी और यूपी के 1 हज़ार दिनो की तुलना में 200 दिन ज्यादा के लिए कानूनी छूट का ऐलान किया है।

_नए उद्योगों के लिए जमीन आवंटन की प्रक्रिया सात दिनों में होगी पूरी, साथ ही 15 दिन के अंदर ही काम शुरु करने की होगी मंजूरी

_ये छूट नए उद्योगों में उत्पादन शुरू करने के अगले दिन से 1200 दिनों तक रहेगी जारी

_व्यापार के लिये चीन का रुख करने वाली जापानी, अमेरिकी, कोरियाई और यूरोपीयन कंपनियों को भारत की तरफ मोड़ने का लक्ष्य

_नए उद्योगों के लिए 33000 हेक्टेयर भूमि चिन्हित

_नए उद्योगों के रजिस्ट्रेशन और लाइसेंसिंग की पूरी प्रक्रिया होगी ऑनलाइन

_नए उद्योगों को औद्योगिक सुरक्षा नियम, न्यूनतम मजदूरी एक्ट और कर्मचारी मुआवजा एक्ट का पालन करना ज़रूरी

_उद्योगों को लेबर इंस्पेक्टर की जांच और निरीक्षण से छूट

_सहूलियत के मुताबिक शिफ्ट में बदलाव करने का अधिकार

Major Amendments Were Made In Labor Laws Under Shivraj's Rule ...
2)मध्य प्रदेश :शिवराज सरकार ने श्रम कानूनों में परिवर्तन के साथ उद्योगों को अगले लगभग ढाई साल के लिए रियायत दे दी है।

_छूट की इस अवधि में केवल औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 25 ही रहेगी लागू

_छूट के इन 1 हज़ार दिनो के दरम्यान लेबर इंस्पेक्टर उद्योगों की नहीं कर सकेंगे जांच

_अब दुकानें सुबह 8 से रात 10 की बजाय सुबह 6 से रात 12 बजे तक खोल सकेंगे

_कंपनियां ओवर टाईम पेमेंट के साथ, मनमुताबिक शिफ्ट मे 72 घंटे भी काम करा सकेंगी।

_उद्योगों का पंजीकरण/लाइसेंस प्रक्रिया आई महीने की बजाय 1 दिन में होगी पूरी

_सुविधानुसार श्रमिकों पर की गई कार्रवाई में श्रम विभाग/ लेबर कोर्ट का नही होगा कोई हस्तक्षेप

_बड़े बदलाव के बाद उद्योगों को कामकाज का 1 रजिस्टर रखने और एक ही रिटर्न दाखिल करने की छूट, वहीं इससे पहले कामकाज का हिसाब रखने के लिए पहले 61 रजिस्टर होते थे ज़रूरी और 13 रिटर्न दाखिल था कम्पल्सरी

_वहीं अब 50 से ज्यादा श्रमिक वाले ही ठेकेदारों को कराना होगा रजिस्ट्रएशन जो कि संख्या सीमा पहले 20 थी।

_दूसरी तरफ 50 से कम श्रमिक रखने वाले उद्योगों/ फैक्ट्रियों को श्रम कानून के दायरे से बाहर रखा गया

 

श्रम कानूनों में बड़े बदलाव ...
3)उत्तर प्रदेश

_यूपी में अब केवल बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स एक्ट 1996 लागू रहेगा।

_प्रदेश सरकार ने अगले 1 हज़ार दिन के लिये इस कानून में बदलाव का ऐलान किया है। योगी ने इसके लिए ‘उत्तर प्रदेश टेंपरेरी एग्जेम्प्शन फ्रॉम सर्टेन लेबर लॉज ऑर्डिनेंस 2020’ को मंजूरी दे दी है।

_उद्योगों को ‘वर्कमैन कंपनसेशन एक्ट 1923’ के साथ ‘बंधुवा मजदूर एक्ट 1976’ के नियमों पालन करना होगा।

_अब उद्योगों पर ‘पेमेंट ऑफ वेजेज एक्ट 1936’ की धारा 5 ही लागू होगी।

_श्रम कानून में बाल मजदूरी और महिला मजदूरों से संबंधित नियमों को बरकरार रखा गया है।

_कुछ श्रम कानूनों के अलावा बाकी सभी कानून अगले 1 हज़ार दिन के लिए निष्प्रभावी

_उद्योगों को अपनी सहूलियत के मुताबिक श्रमिकों से शिफ्ट में काम कराने की छूट

_व्यावसायिक सुरक्षा, औद्योगिक विवादों का निपटारा, श्रमिकों का स्वास्थ्य, काम करने की स्थिति से जुड़े कानून खत्म हो गए।

_ट्रेड यूनियनों को मान्यता देने वाला कानून, अनुबंध श्रमिकों और प्रवासी मजदूरों से संबंधित कानून भी 1 हज़ार दिन के लिए खत्म

_ये सभी बदलाव सब तरह के कारोबार और उद्योगों पर होगा लागू होगा, चाहे वो नये हों या पुराने

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